अभिनंदन

हे क्रांति के अग्रदूत

भारत माता को दासता के बंधन से मुक्त करने हेतु आपने सभी सुख सुविधाओं को लात मारकर भारी जवानी में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेकर आगरा जनपद को गौरवान्वित किया है. प्रसिद्ध हार्डी बॉम्ब कांड और अगस्त क्रांति की आपकी गौरवगाथएँ स्वर्णाक्षरों में लिखी जाने योग्य हैं.

हे कर्मयोगी

आपने आजीवन देश व समाज की सेवा का व्रत लिया है. अनेक विध्न – बाधाएँ तथा शारीरिक आपदाएं आपको इस पथ से कभी विचलित नही कर सकी हैं. नेत्र ज्योति कम हो जाने के बाद व रोग ग्रस्त हो जाने पर यद्यपि शारीरिक रूप से आप विवश हो गये हैं, फिर भी साहित्य साधना और पत्रकारिता के मध्यम से आज भी आप देश व समाज की निरंतर सेवा कर रहे हैं. हम सभी स्वतंत्रता सेनानियों को आप पर गर्व है.

हे आदर्श पुरुष

आपका त्याग एवं निस्वर्थमय जीवन भावी पीढ़ी के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत रहेगा. नवयुवकों एवं समाज सेवकों को आपसे शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए. केंद्रीय कारागार आगरा में आपके साथ रह कर मैने आपको अति निकट से देखा है. आप सही अर्थों में कर्मयोगी एवं आदर्श पुरुष तथा अभिनंदनीय हैं. आपको शत शान नमन करते हुए मैं आपका अभिनंदन करता हूँ.

जगन्नाथ लहरी
अध्यक्ष, जिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी समिति, आगरा
भू. पू. विधायक, फ़िरोज़बाद (जिला आगरा)

(स्रोत: श्री रोशन लाल गुप्त, करुणेश अभिनंदन ग्रंथ, प्रकाशित – अक्टूबर, १९८७.)

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