त्रिकंटक दल का संकल्प

वे बम नहीं थे कलक्टर पर,
वे बम थे गोराशाही पर |
वे बम नहीं थे बहरे कानों पर,
वे बम थे तानाशाही पर ||

मत सत्य-अहिंसा को कुचलो,
विस्फोट गरज कर थे कहते |
सत्याग्रह का मत दमन करो,
ये जुल्म सही हंसकर सहते ||

यह दल था तीन युवाओं का,
लाखों जन जैसी शक्ति प्रचंड |
जब किये क्रातिकारी प्रहार,
हो गयी दासता खंड-खंड||

– करुणेश

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